25 February 2021 05:12 PM
भारत अपडेट, जयपुर। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि सांभर सॉल्ट लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम है तथा उनके अधीन भूमि पर अवैध कब्जे अथवा पानी का दोहन करने वाले लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाने का अधिकार भी सांभर सॉल्ट लिमिटेड को ही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा सांभर सॉल्ट लिमिटेड के माध्यम से मुकदमा दर्ज करवाने के प्रयास किए जाएंगे।
मीना प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जयपुर व नागौर के जिला कलेक्टरों के द्वारा भी अवैध कब्जे व पानी चोरी की शिकायत के खिलाफ समय-समय पर कार्यवाही की गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में नागौर व जयपुर में कुल 23.85 हैक्टेयर से अतिक्रमण को हटाया गया तथा 295 अवैध बोरवैल नष्ट किए गए एवं 32 सबमर्सिबल पम्प के साथ-साथ 22 हजार 800 मीटर विद्युत केबल भी जब्त की गई। उन्होंने कहा कि बार-बार अतिक्रमण होना तथा अवैध बोरवैल तथा विद्युत कनेक्शन होना वास्तव में गंभीर समस्या है। इस मामले में समय-समय पर नागौर व जयपुर के जिला कलेक्टर को निर्देश दिए जाते रहे हैं और उनके द्वारा प्रभावी कार्यवाही भी की गई है।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए भारत सरकार एवं राज्य सरकार के इससे जुड़े अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक कर एक नोडल अधिकारी बनाकर इस समस्या के स्थाई समाधान करने के निर्देश दिए।
इससे पहले विधायक निर्मल कुमावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में मीना ने बताया कि उद्योग विभाग, जयपुर द्वारा किसी प्रकार का अवैध कब्जेध्पानी चोरी कर दोहन करने का मुकदमा दर्ज नहीं कराया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 एवं 2020 में मै. सांभर साल्ट्स लि. के अधीन भूमि पर निजी नमक उत्पादकों द्वारा अवैध कब्जे करने और चोरी कर पानी का दोहन किए जाने के संबंध में समय-समय पर मै. सांभर साल्ट्स लि., विद्युत विभाग, जिला प्रशासन व पुलिस विभाग की मदद से कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प.10(7)उद्योग/ग्रुप-2/2010 दिनांक 10 मार्च 2010 द्वारा मै. सांभर साल्ट्स लि. के अधीन भूमि पर निजी नमक उत्पादकों द्वारा किए गए अवैध कब्जे और चोरी कर पानी के दोहन के लिए खोदे गए ट्यूबवैल, बोरवेल एवं अवैध पाइप लाइनों के संबंध में जांच करवाए जाने के निर्णय के क्रम में विनोद कपूर, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। विनोद कपूर द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट की अनुपालना हेतु प्रस्तुत सुझावों के आधार पर समितियों का गठन किया गया।
मीना ने बताया कि प्रमुख शासन सचिव, राजस्व की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन दिनांक 14 दिसंबर .2010 से किया गया है एवं संशोधित समिति का गठन दिनांक 27 नवंबर 2020 को किया गया है। जिला कलेक्टर (संबंधित), की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति एवं उपखण्ड अधिकारी (संबंधित), की अध्यक्षता में उपखण्ड स्तरीय समिति का गठन दिनांक 15 जून 2011 से किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित समितियों की रिपोर्ट की अनुपालना में भू-प्रबंध विभाग द्वारा सांभर झील क्षेत्रफल का निर्धारण कर दिया गया है। सांभर झील में हुए अतिक्रमण हटाने एवं अवैध विद्युत कनेक्शन हटाने की कार्यवाही समय-समय पर की जा रही है। नमक उत्पादन पर किसी भी प्रकार का राजस्व/टैक्स वसूल नहीं किया जाता है। इस कारण से वर्ष 2019 एवं 2020 में नमक के अवैध उत्पादन से राज्य सरकार को किसी भी प्रकार के राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि मै. सांभर साल्ट्स लि. द्वारा राज्य सरकार को किराए के रूप में 5.50 लाख रुपए प्रति वर्ष प्राप्त होते हैं। मै. सांभर साल्ट्स लि. निरंतर घाटे में चल रहा है। इससे राज्य सरकार को कोई लाभांश भी प्राप्त नहीं हुआ है।
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