27 October 2020 09:13 PM
-अशफाक कायमखानी
टीम भारत अपडेट, जयपुर। राजस्थान प्रदेश में भ्रष्टाचार अपने अंतिम ऊंचाई पर पहुंचने से आम आदमी को आम काम के लिए भी रिश्वत देने को मजबूर होना पड़ने से चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई है। राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में जबसे अतिरिक्त डीजी एमएन दिनेश की नियुक्ति हुई है तब से भ्रष्टाचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने में आई तेजी के बावजूद भ्रष्टाचारी टस से मस होने को शायद कतई तैयार नहीं लगते हैं।
एसीबी की आज प्रदेश में की गई अलग-अलग छह कार्रवाई में सबसे पहली कार्रवाई श्रीगंगानगर के कांस्टेबल नरेश चंद्र मीणा को जयपुर की होटल रेडिसन ब्लू में 10 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। इसके बाद तो ताड़बतोड़ कार्रवाईयां होने लगीं जिसमें दूसरी कार्रवाई डीटीओ जगदीश मीणा को आय से अधिक सम्पति में गिरफ्तार किया गया। कानोता, बस्सी और चौमू में आय से अधिक सम्पति कार्यवाही सर्च की गई। एसीबी की तीसरी कार्रवाई उदयपुर में एसएचओ रमेशचंद्र सहित तीन लोगों को 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
इसके बाद एसीबी ने चैथी कार्रवाई करते हुए झुंझुनूं में पटवारी रणवीर को 13 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एसीबी ने पांचवीं कार्रवाई श्रीगंगानगर में पटवारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एसीबी ने फिर अंत में छठी कार्रवाई करते हुए अजमेर में रामगंज थाने के एएसआई बाबूलाल को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया हैं।
हालांकि एसीबी द्वारा निरंतर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का सिलसिला जारी रहने के बावजूद भ्रष्टाचारी अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं लगते है। पिछले दिनों एसीबी के उप पुलिस अधीक्षक जाकीर अख्तियार अपनी टीम के साथ रायसिंह नगर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को पकड़ने गए तो उनके गनमैन ने अख्तर पर गोली चला दी थी। गनीमत रही कि गनमैन की सर्विस रिवाल्वर से निकली गोली अख्तर को नहीं लगी वरना बुरा हादसा भी गठित हो सकता था।
कुल मिलाकर यह है कि एसीबी में जब से एमएन दिनेश की नियुक्ति हुई है तब से भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने का सिलसिला जोर पकड़ता जा रहा है। लेकिन इन सबके बावजूद अभी भी रिश्वतखोर आजादी के साथ रिश्वतखोरी का खेल खेलने से बाज नहीं आ रहे हैं।
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