04 May 2020 08:43 PM
भारत अपडेट न्यूज, जयपुर। 98 वर्षीय एक बुजुर्ग जयपुर के गोपालबाड़ी के पास एक मकान में अकेले रहते हैं। वे लॉकडाउन के कारण दवाईयां व भोजन के लिए परेशान थे। एक दिन उन्हें अखबार के माध्यम से जिला प्रशासन एवं जे.के. लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के सहयोग से संचालित ‘शेयरिंग-केयरिंग हेल्पलाइन‘ की जानकारी मिली। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया और रूधे हुए गले से कहा कि क्या मुझे भोजन व दवाई उपलब्ध हो सकती है। मैं बिल्कुल अकेला रहता हूं और मुझे दो दिन से बुखार भी है।
इस पर ‘शेयरिंग-केयरिंग हेल्पलाइन‘ द्वारा उन्हें तत्काल प्रभाव से सहायता पहुंचाई गई। दूसरे दिन जब फॉलोअप लेने के लिए फोन किया तो उन्होंने बताया कि मेरे दो बेटे व एक बेटी है। दोनों बेटे जयपुर रहते हैं तथा बेटी मुंबई में रहती है, लेकिन पास नहीं बनने के कारण वे मेेरे यहां नहीं आ पा रहे हैं तो उनके बेटे को ई-पास की जानकारी दी गई।
अगले दिन जब फोन किया तो उन्होंने खुश होकर कहा कि आपकी मदद से अब मेरा बेटा भी मुझे भोजन देने के लिए आ रहा है। उन्होंने खुश होकर ढेर सारा आर्शीवाद देते हुए कहा कि ईश्वर तुम्हारी हर इच्छा पूरी करें।
यह एक मात्र उदाहरण है। ऐसे अनेकों उदाहरण हर रोज इस ‘शेयरिंग-केयरिंग हेल्पलाइन‘ के जरिए सामने आ रहे हैं।
जयपुर जिला प्रशासन एवं जे. के. लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी की ओर से बुजुर्गोे के लिए शुरू की गई ‘शेयरिंग-केयरिंग 7428518030 हेल्पलाइन‘ लॉकडाउन जैसे कठिन समय में व्यक्ति का दूसरा बचपन कहे जाने वाले बुढ़ापे की लाठी साबित हो रही है। इस हेल्पलाइन पर प्रतिदिन 80 से भी ज्यादा कॉल आ रही है।
एक बुजुर्ग ने कहा कि यह हेल्पलाइन बिल्कुल मेेरे बेटे जैसी है जहां मुझे सिर्फ एक कॉल करना पड़ता है और अपनी परेशानी बतानी पड़ती है। मेरी समस्या का हल तुरंत हो जाता है। ऐसे अनेकों उदाहरण हर रोज इस हेल्पलाइन के जरिए सामने आ रहे हैं।
कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति जिसे भोजन, चिकित्सा, राशन आदि की समस्या है वह इस हेल्पलाइन पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकता है।
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