-शैलेन्द्र सिन्हा (दुमका, झारखंड) इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस समय देश और दुनिया में कोरोना एक महामारी का रूप लिया हुआ है। जिसके उन्मूलन के लिए अलग-अलग स्तर पर टीका तैयार किया जा रहा है। लेकिन इसके साथ
-गिरीश चंद्र ‘‘गोपी‘‘ (अल्मोड़ा, उत्तराखंड) उत्तराखंड में 2013 में आई आपदा और फिर 7 फरवरी को चमोली के तपोवन में आई जलप्रलय की घटनाएं पूरी दुनिया को बड़े बांधों के निर्माण और पर्यावरण असंतुलन से होने वाले दुष्परिणामों से आगाह कर
-लीलाधर निर्मलकर (भानुप्रतापपुर, छत्तीसगढ़) कोरोना महामारी ने देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम जनता की आर्थिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। एक तरफ जहां लाॅकडाउन में लोगों का रोजगार छिन गया तो अनलाॅक होने के बाद भी लोगों को
-दिलीप बीदावत स्टोरी- 1 घटना सितंबर 2016 की है। बाड़मेर जिले की पचपदरा तहसील के कोरणा गांव में विद्युत विभाग का सब ग्रीड स्टेशन बनाने के लिए तालाब के आगौर, गौचर की भूमि आवाप्त करने
-नरेंद्र सिंह बिष्ट (नैनीताल, उत्तराखंड) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित नवीनतम मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 2004-2005 में 2.1 प्रतिशत से बढ़कर 2017-2018 में 4.2 प्रतिशत थी जो राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय है।
-अमरेन्द्र सुमन, दुमका, झारखंड संथाल परगना प्रमंडल के हरित पर्वत मालाओं, घने जंगलों, स्वच्छंद नदी-नालों तथा प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए अंग्रेजों, जमींदार और महाजनों जैसे शोषक वर्गों से लोहा लेने वाली आदिम जाति पहाड़िया समुदाय का अपना एक विशिष्ट
-फूलदेव पटेल, मुजफ्फरपुर, बिहार पूरे देश में सरकारी अस्पताल की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। आए दिन अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली व आरजकता की खबरें अखबारों की सुर्खियों में रहती हैं। उप्र, झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों
-बसंत पांडे, हल्द्वानी, उत्तराखंड देश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी का सर्वाधिक प्रतिशत कमाने वाली कृषि को लेकर जहां एक तरफ देश भर में राजनीति चरम पर है, वहीं दूसरी तरफ छोटी-छोटी जोतों के मालिक यानी छोटे स्तर के करोड़ों किसान परेशान
-बाबूलाल नागा उत्तर प्रदेश राज्य के हाथरस में 19 साल की और बलरामपुर में 22 साल की दो दलित युवतियों के साथ हुई बलात्कार की घटनाएं अत्यंत घिनौनी और शर्मनाक हैं। दोनों की मामलों में पीड़िताओं को बेशर्म, बेखौफ एवं विकृत मानसिकता
-पंकज सिंह बिष्ट (नैनीताल, उत्तराखंड) कोरोना महामारी ने जिस तरह से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, उसकी गूंज सदियों तक इतिहास में सुनाई देती रहेगी। इस महामारी ने मानव जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। विशेषकर दुनिया भर
-रब नवाज आलम, साहेबगंज, झारखंड दो साल से खाट पर पड़ा हूं। हाथ-पैर काम नहीं करता। दर्द ऐसा कि सहा तक नहीं जाता। क्या करूं बाबू, परिवार के लिए बोझ ही तो बन गया हूं? बस अब पड़े-पड़े मौत का इंतजार
भारत अपडेट, जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा एवं आजीविका को सुचारू रखने के लिए जनहित में आवश्यक कदम उठाए जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने संक्रमण
भारत अपडेट, जयपुर। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी) के बजट प्रावधान में सिरोही जिले की पंचायत समिति आबू रोड के 85 और पिंड़वाड़ा के 51 गांव शामिल है और योजनाओं
भारत अपडेट, जयपुर। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि सांभर सॉल्ट लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम है तथा उनके अधीन भूमि पर अवैध कब्जे अथवा पानी का दोहन करने वाले लोगों के विरुद्ध मुकदमा
भारत अपडेट, जयपुर। पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि राज्य के पशुपालकों पर विभिन्न राज्यों में हुए हमलों के बारे में संबंधित राज्य सरकारों से सम्पर्क कर निश्चित रूप से आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
कटारिया
-दिलीप बीदावत (बीकानेर, राजस्थान)
पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर जिलों के गांवों में रेगिस्तान की विलुप्त हो रही जैव विविधता के अवशेष देखने को मिलते हैं। वास्तव में थार की वनस्पतियां और जीव-जंतु लुप्त होने की स्थिति में है।
-दिलीप बीदावत (बाड़मेर, राजस्थान)
रेगिस्तान में अक्षय ऊर्जा अर्थात सौर और विंड एनर्जी निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। यहां साल के अधिकांश दिनों में सूर्य दर्शन होता है तथा तेज हवाएं भी चलती रहती हैं। अक्षय ऊर्जा की संभावनाओं को देखते
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'भारत अपडेट' शुरू करने के पीछे एक टीस भी है। वो यह कि मैनस्ट्रीम मीडिया वो नहीं दिखाती, जो उन्हें दिखाना चाहिए। चीखना-चिल्लाना भला कौनसी पत्रकारिता का नाम है ? तेज़ बोलकर समस्या का निवारण कैसे हो सकता है भला? यह तो खुद अपने आप में एक समस्या ही है। टीवी से मुद्दे ग़ायब होते जा रहे हैं, हां टीआरपी जरूर हासिल की जा रही है। दर्शक इनमें उलझ कर रह जाता है। इसे पत्रकारिता तो नहीं कहा जा सकता। हम तो कतई इसे पत्रकारिता नहीं कहेंगे।
हमारे पास कुछ मुट्ठी भर लोग हैं, या यूं कहें कि ना के बराबर ही हैं। लेकिन जो हैं, वो अपने काम को बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण मानने वालों में से हैं। खर्चे भी सामर्थ्य से कुछ ज्यादा हैं और इसलिए समय भी बहुत अधिक नहीं है। ऊपर से अजीयतों से भरी राहें हमारे मुंह-नाक चिढ़ाने को सामने खड़ी दिखाई दे रही हैं।
हमारे साथ कोई है तो वो हैं- आप। हमारी इस मुहिम में आपकी हौसलाअफजाई की जरूरत पड़ेगी। उम्मीद है हमारी गलतियों से आप हमें गिरने नहीं देंगे। बदले में हम आपको वो देंगे, जो आपको आज के दौर में कोई नहीं देगा और वो है- सच्ची पत्रकारिता।
आपका
-बाबूलाल नागा
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