
-हरिराम “मानव” नसीराबाद, अजमेर
जो हर इंसान को जन्म से मृत्यु तक मिलते हैं, जैसे जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा का अधिकार, जो भारत के संविधान के भाग III में दिए गए मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 12-35) के माध्यम से सुरक्षित हैं, जिनमें समानता (अनुच्छेद 14-18), स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19-22), शोषण के विरुद्ध (अनुच्छेद 23-24), धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25-28), और शिक्षा-संस्कृति (अनुच्छेद 29-30) जैसे अधिकार शामिल हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र की सार्वभौमिक घोषणा भी इन्हें विस्तार देती है।
भारत का संविधान के अनुसार प्रमुख मानव अधिकार (मौलिक अधिकार)
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18): कानून के समक्ष समानता, धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध, सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता।
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22): भाषण और अभिव्यक्ति, सभा, संघ, आवागमन, निवास, और व्यवसाय की स्वतंत्रता; जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21), जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है।
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24): मानव तस्करी और जबरन श्रम का निषेध, और 14 साल से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक कामों में लगाने से रोकना।
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28): किसी भी धर्म को मानने, अभ्यास करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता।
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30): अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना का अधिकार।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32): मौलिक अधिकारों के हनन की स्थिति में न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) से न्याय मांगने का अधिकार, जो इन अधिकारों का संरक्षक है।
सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा के तहत अन्य महत्वपूर्ण अधिकार
- जीवन और सुरक्षा का अधिकार: हर व्यक्ति को जीवन, स्वतंत्रता और अपनी सुरक्षा का अधिकार है (अनुच्छेद 3)।
- दासता से मुक्ति: किसी को भी गुलाम नहीं बनाया जा सकता (अनुच्छेद 4)।
- यातना से मुक्ति: किसी के साथ क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार नहीं किया जाएगा (अनुच्छेद 5)।
- कानून के समक्ष मान्यता: हर किसी को कानून के सामने एक व्यक्ति के रूप में मान्यता का अधिकार है (अनुच्छेद 6)।
- निष्पक्ष सुनवाई: निष्पक्ष सुनवाई और कानून के तहत समान सुरक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 10, 11)।
- गोपनीयता का अधिकार: निजता, परिवार, घर और पत्राचार में हस्तक्षेप से मुक्ति (अनुच्छेद 12)।
- विचार, विवेक और धर्म की स्वतंत्रता: अपना धर्म चुनने और बदलने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 18)।
- आवागमन की स्वतंत्रता: देश की सीमाओं के भीतर घूमने और बाहर जाने का अधिकार (अनुच्छेद 13, 15
