टीम भारत अपडेट। देश के सबसे बड़े और जिंक, सीसा और चांदी के एकीकृत उत्पादक हिंदुस्तान जिंक को साइंस बेस्ड टार्गेट इनिशिएटिव एसबीटीआई ने निकट अवधि और शुद्ध-शून्य लक्ष्यों को मान्यता दी है। अभूतपूर्व उपलब्धि प्राप्त करते हुए कंपनी महत्वाकांक्षी 1.5 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग सीमा के साथ संरेखित, मान्य एसबीटीआई लक्ष्यों को सुरक्षित करने के लिए खनन – लौह, एल्यूमिनियम, अन्य धातु क्षेत्र में एकमात्र भारतीय कंपनी है।
हिंदुस्तान जिंक के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों में आधार वित वर्ष 2020 से पूर्ण स्कोप 1 और 2 ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 50 प्रतिशत कमी करने और वित वर्ष 2030 तक पूर्ण स्कोप 3 ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को 25 प्रतिशत की कमी करने एवं वित वर्ष 2050 तक मूल्य श्रृंखला में शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता शामिल है। इन लक्ष्य महत्वाकांक्षाओं को 1.5 डिग्री सेल्सियस प्रक्षेप के अनुरूप एसबीटीआई द्वारा अनुमोदित किया गया है। एसबीटीआई का गठन सीडीपी, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट (यूएनजीसी), वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई), वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और वी मीन बिजनेस गठबंधन के बीच महत्वाकांक्षी कॉर्पोरेट क्लाईमेट एक्शन के संचालन हेतु सहयोग के रूप में किया गया था। वैश्विक स्तर पर व्यवसायों और वित्तीय संस्थानों को साइंस बेस्ड ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कटौती लक्ष्य निर्धारित करने में सक्षम बनाना इसमें महत्वपूर्ण हैं।
इस उपलब्धी पर, हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, साइंस बेस्ड टार्गेट इनिशिएटिव द्वारा हमारे निकट अवधि और दीर्घकालिक नेट-जीरो लक्ष्यों की यह मान्यता जलवायु परिवर्तन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में मील का पत्थर है। हिंदुस्तान जिंक द्वारा उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों को साइंस बेस्ड मानदंडों के साथ संरेखित करना, जिम्मेदारी और सभी के लिए सस्टेनेबल भविष्य के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है। हम सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव और कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में योगदान देने के अपने मिशन में दृढ़ हैं। हम सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव और कल्याण के अनुरूप अपनी भविष्य की पहलों का मूल्यांकन करना जारी रखेंगे।
एसबीटीआई ने नेट-जीरो और नियर-टर्म टारगेट क्राइटेरिया और सिफारिशों के मुकाबले कंपनी के लक्ष्यों को मान्यता दी है। अपने टार्गेट को साइंस बेस्ड मानदंडों के साथ संरेखित कर, हिंदुस्तान जिंक उदाहरण के साथ नेतृत्व करने और उद्योग और उससे परे सकारात्मक प्रगति को प्रेरित करने के अपने मिशन में दृढ़ है। कंपनी वैश्विक जलवायु संकट से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कंपनी की महत्वाकांक्षाएं उनके कार्यों के अनुरूप हैं, 450 मेगावाट आरई-आरटीसी से बिजली खरीद एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं एवं पंतनगर मेटल प्लांट में परिचालन के लिए 100 प्रतिशत हरित बिजली का स्रोत बना रहे हैं।