टीम भारत अपडेट, जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियान राजस्थान ने निरोगी राजस्थान, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, और मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजनाओं को फ्लैगशिप योजनाओं की श्रेणी से हटाने के राजस्थान सरकार के हालिया निर्णय पर कड़ा विरोध जताया है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को संबोधित एक विस्तृत ज्ञापन में जन स्वास्थ्य अभियान राजस्थान ने 70 नेटवर्क और संगठनों के समर्थन के साथ इन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं को फ्लैगशिप योजनाओं के रूप में तत्काल पुनः शामिल करने की मांग की है ताकि इनका प्रभाव और प्राथमिकता बनी रहे।
ज्ञापन में जोर दिया गया है कि पिछले एक दशक से अधिक से इन योजनाओं ने राजस्थान की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। इनके माध्यम से न केवल सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं तक सामान्य नागरिक कि पहुंच और उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, इसके साथ ही निर्धन और हाशिए पर जीवन यापन कर रहे समुदायों के लिए उपचार पर होने वाले निजी खर्च में भी भारी कमी आई है। यह योजनाएं न केवल राज्य के स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण रही हैं, बल्कि इनके कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर लोगों का विश्वास भी दृढ़ हुआ है। यह उल्लेखनीय है कि निरोगी राजस्थान, निःशुल्क दवा और निःशुल्क जांच योजनाएं सबके लिए स्वास्थ्य (यूनिवर्सल हेल्थ केयर-UHC) के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में मील का पत्थर रही हैं और इन्हें राजस्थान की तर्ज पर कई राज्यों ने अपने यहां लागू करने का प्रयत्न भी किया है ।
जन स्वास्थ्य अभियान राजस्थान का मानना है कि इन योजनाओं को फ्लैगशिप श्रेणी से हटाने का निर्णय उनकी प्राथमिकता, बजट आवंटन और राजनीतिक प्रतिबद्धता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा। इससे अब तक इन योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं व सूचकांकों में आए सकारात्मक बदलावों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है तथा गरीब व हाशिये पर बसे समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में बाधा आ सकती है।
जन स्वास्थ्य अभियान राजस्थान ने राज्य सरकार से मांग की है कि सरकार अपने इस निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार कर निरोगी राजस्थान, निःशुल्क दवा एवं निःशुल्क जांच योजनाओं को पुनः फ्लैगशिप योजनाओं की श्रेणी में शामिल करे।