टीम भारत अपडेट। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार, तीसरी नरेंद्र मोदी सरकार के 28 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 19 पर हत्या के प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और घृणास्पद भाषण जैसे गंभीर आरोप हैं।
चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में 28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 19 पर हत्या के प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरत फैलाने वाले भाषण जैसे गंभीर आरोप हैं। सबसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे मंत्रियों में से दो ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
एडीआर ने बताया कि ये लोग बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर और शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार हैं। एडीआर रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पांच मंत्रियों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले दर्ज हैं। इनमें गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार, ठाकुर, मजूमदार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी और जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम शामिल हैं।
इसके अलावा, एडीआर रिपोर्ट में नफरत फैलाने वाले भाषण से जुड़े मामलों में आठ मंत्रियों की पहचान की गई है। इसमें कहा गया है कि 71 मंत्रियों में से 28 (39 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 9 जून को शपथ लेने वाले नए मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 72 सदस्य हैं।