-हरीराम जाट, नसीराबाद, अजमेर (राज.)
इन दिनों जबकि फिल्म उद्योग नशे के सेवन के आरोपों का सामना कर रहा है यह जानना जरूरी है कि आखिर नशा क्या है और यह क्यों और कैसे युवाओं को चपेट में ले रहा है। नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है, जो कब जीवन में अंधेरा कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। आप इसका मजा भले ही दिनभर के कुछ सेकंड के लिए लेते हैं, लेकिन यह मजा, कब आपके लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते।
पिछले कुछ सालों में भारत के साथ ही पूरे विश्व भर में नशा करने और उससे पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। इस गंभीर लत ने कई लोगों को मौत का ग्रास तक बना दिया। इनके गंभीर परिणामों को देखते हुए नशे के नुकसान के प्रति जागरुक करने के लिए कई संस्थाएं भी आगे आई हैं।
नशे के दुष्परिणामों को देखते हुए भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पाबंदी है, इसके बावजूद लचर कानून व्यवस्था के चलते इस पर अमल नहीं हो पाता।
नशा, एक ऐसी बीमारी है जो युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है।
शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज फुटपाथ और रेल्वे प्लेटफार्म पर रहने वाले बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं।
लोग सोचते हैं कि वो बच्चे कैसे नशा कर सकते हैं जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता। परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थो की ही जरुरत नहीं होती, बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, ब्रेड के साथ विक्स और झंडु बाम का सेवन करना, कुछ इस प्रकार के नशे भी किए जाते हैं, जो बेहद खतरनाक होते हैं।
नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, वह नशे के लिए जुर्म भी कर सकता है। नशे के मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है।
जानिए नशे के विभिन्न प्रकार –
- मादक पदार्थों का सेवन – मादक पदार्थों के सेवन में शराब, सिगरेट, ड्रग्स, हेरोइन, गांजा, भांग आदि शामिल हैं।
- अन्य – शोधकर्ताओं के अनुसार हर वह चीज जो आपको जिसकी आपको लत लग जाए, नशे की श्रेणी में ही आता है। ऐसी ही कुछ आदतें हैं जिन्हें छोड़ना बेहद मुश्किल होता है जैसे – मादक पदार्थों के अलावा चाय, काफी, वर्तमान समय के नवीन यंत्र जैसे – विडियो गेम्स, स्मार्ट फोन, फेसबुक आदि का ज्यादा मात्रा में उपयोग भी नशे की श्रेणी में आते हैं।
नशे से हानियां –
- मादक पदार्थों के सेवन से सबसे बड़ी हानि, स्वास्थ्य की हानि है। इससे आपके शरीर के कई अंगों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है। खास तौर से यह आपके दिमाग को भी अपनी चपेट में ले लेता है।
- नशा करने वाला व्यक्ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है।
- नशा करने वाला व्यक्ति सदैव अपने ख्यालों में ही रहता है, उसे अपने आस-पास के माहौल से ज्यादा मतलब नहीं होता है।
- नशा करने वाला व्यक्ति आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक सभी से कमजोर होता है।
- नशा करने वाला व्यक्ति अपने समाज एवं परिवार से बिलकुल दूर हो जाता है।
- नशा करने वाला व्यक्ति सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं का शिकार होता है।
मौका खुशी का हो या दुख का, अपनों का हाथ छोड़कर नशे को साथ रख लेना किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है। अगर आप भी इसे अपनी खुशियों में शामिल कर रहे हैं, तो आपको पता होने चाहिए इसके गंभीर नुकसान।
नशा करने से शर्तिया तौर पर व्यक्ति का व्यवहार और हरकतें बदल जाती हैं। आपकी थोड़ी सी सजगता इस समस्या को तुरंत पकड़ने में काम आएगी। आप इन लक्षणों पर ध्यान दें और अपने आसपास के लोगों की हरकतों में इन्हें शामिल होता देख तुरंत अलर्ट हो जाएं।
ड्रग एडिक्शन या नशे की लत किसी के शरीर को होने वाली ऐसी ज़रूरत है जिस पर नियंत्रण रखना उनके बस के बाहर हो जाता है। नशा करना उनके शरीर और दिमाग की ज़रूरत बन जाता है। ये जानते हुए भी कि यह चीज़ उनके शरीर को भयंकर नुकसान पहुंचा रही है नशा करने वाले इसकी आदत छोड़ नहीं पाते।
ध्यान देने की ज़रूरत है कि हर केस में नशा करने वाले व्यक्ति में अलग लक्षण नज़र आते हैं। फिर भी कुछ खास लक्षण का ज़िक्र किया जा सकता है। नशे की लत किसी की भी ज़िंदगी तबाह कर देती है। सजग रहें और अपने आसपास के लोगों का ध्यान रखें।
नशा करने वालों के लक्षण
- ज़्यादा भूख लगना : नशा करने वाला इंसान आमतौर पर ली जाने वाली खुराक से बहुत ज़्यादा खाने लगता है।
- कमज़ोर लगना : नशा करने पर इंसान का खुद से कंट्रोल कम हो जाता है। ऐसे में दूसरों की मदद अधिक लगने लगती है।
- बर्दाश्त करने की क्षमता घटना : नशा करने पर व्यवहार बदल जाता है। ज़रा सी बात पर आपा खो देने जैसे लक्षण सामने आते हैं।
- खुद के लिए खतरनाक हरकतें करना : इनकी हरकतें देखकर आपको लगेगा कि इससे तो चोट लग सकती है तो फिर ये क्यों कर रहे हैं।
- ड्रग खोजने जैसी हरकतें : ये लोग कुछ ढूंढते नज़र आते हैं। आप अक्सर देखेंगे कि ये कुछ खोज रहे हैं।
- ज़िम्मेदारियों से भागना : इन लोगों का अपनी ज़िम्मेदारियों से ध्यान पूरी तरह से हट जाता है। इनकी नशे से ज़्यादा ज़रूरी कुछ नहीं होता।
- आर्थिक दिक्कत में फंसना : नशे का सामान बहुत महंगा होता है। इन्हें लत है ये कैसे भी उसे लेकर आते हैं। ऐसे में इनके आर्थिक हालात बिल्कुल बिगड़ जाते हैं।
- अजीब लोगों के ज़्यादा करीबी हो जाना : आमतौर पर इनके जो करीब हैं ये उनसे दूरी बना लेते हैं। इनके आसपास आपको ऐसे लोग नज़र आएंगे जिनके साथ इनकी दोस्ती आपको पसंद नहीं आएगी।
- लोगों से दूरी बना लेते हैं : जो इनके हितैषी हैं। इनका ध्यान रखते हैं। जिनकी इन्हें भी परवाह थी उनसे मिलना इन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आता।
नशे की गिरफ्त में आ चुके लोगों का इलाज
नशे की आदी हो चुके लोगों का इलाज दो तरह से किया जाता है। पहले तरीके में लोग अपने नॉर्मल रुटीन को चालू रखते हुए समय समय पर इलाज कराते रहते हैं। दूसरे तरीके में मरीज़ को अस्पताल या रिहेबिलीटेशन सेंटर में रखना पड़ता है। जहां दवाईयों के साथ साथ अन्य तरीकों से मरीज़ का इलाज किया जाता है।
इलाज के तरीके
नशे के आदी हो चुके लोगों को इलाज में डॉक्टरों की दवाईयों के अलावा कुछ नॉन कंवेशनल तरीके भी दिए जाते हैं। चाहे मरीज़ भर्ती हो या अपने घर पर उनके लिए कुछ अलग सेशन रखे जाते हैं।
- पुराने मरीज़ों से मुलाकात
- निगरानी में डिटॉक्स करना
- एक्सपर्ट के साथ अकेले में बातचीत
- ग्रुप डिस्कशन
- योगा, बीच पर जाना, ध्यान और एक्ससाइज़ की क्लासेस
- परिवार के साथ पसंद के काम करने की सलाह
- नशे के लत पलटकर न आए इसका इंतज़ाम करना