नई दिल्ली। ‘‘हर दिल में संविधान‘‘, संविधान के विषय में जागरूक करने के लिए समर्पित एक अभियान है जिसे 23 जनवरी से देश के 185 जिलों में स्कूलों, कॉलेजों, नागरिक समाज संगठनों और नागरिकों की भागीदारी के साथ शुरू किया गया। भारतीय संविधान के लिए पुष्पांजलि का ‘‘हर दिल में संविधान‘‘ (एचडीएमएस) अभियान 2023 में पूरे वर्ष चलेगा, और पूरे भारत में कई भाषाओं में प्रस्तावना के सामूहिक पाठ के साथ शुरू होगा।
वी, द पीपल अभियान की मैनेजिंग ट्रस्टी और हर दिल में संविधान की सह-आयोजक विनीता गुरसाहनी सिंह ने कहा, ‘‘यहां तक कि अगर लोग प्रस्तावना की केवल एक लंबी पंक्ति को समझ लेते हैं, तो यह हमारे चारों ओर असमानताओं और अन्याय को पहचानने और उन्हें दूर करने के लिए कार्रवाई करने की उनकी क्षमता में एक बड़ा अंतर लाएगा। संविधान को जानने का मतलब यह भी है कि आप निर्वाचित प्रतिनिधियों, सरकारी पदाधिकारियों से जवाबदेही की मांग कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे अपने संवैधानिक जनादेश के आधार पर कार्य करें।”
इस अभियान के तहत सहयोगी संगठन वीडियो दिखाएंगे, प्रस्तावना, सांप और सीढ़ी जैसे खेलों का आयोजन करेंगे और अधिकारों तथा कर्तव्यों को हमारे दैनिक जीवन से जोड़ने के विषय में चर्चा करेंगे। संविधान लाइव और कॉन्स्टिट्यूशन कनेक्ट जैसे खेल नागरिकों को खराब सड़कों, राशन, विधवा पेंशन, पानी तक पहुंच और शिक्षा जैसे दैनिक जीवन के मुद्दों के बीच हमारे मौलिक अधिकारों के संबंध को समझने में सक्षम बनाएंगे। इसके अलावा, वीडियो और नाटकों में यह दिखाया जाएगा कि नागरिकों ने अपने रोजमर्रा के मुद्दों को हल करने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों और तरीकों का उपयोग किस प्रकार किया है। इन गतिविधियों का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि संविधान केवल शब्द नहीं है, बल्कि वह शक्ति है जो प्रत्येक नागरिक के पास होती है।
“एचडीएमएस” का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना और उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराना है। कला, संवाद और रंगमंच के माध्यम से “एचडीएमएस” जो प्रेरणा देता है वह लोगों को प्रेरित करने के लिए और न केवल बौद्धिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से संविधान से जुड़ने के लिए है। हर दिल में संविधान के सह-आयोजक अभिषेक ठाकोर ने कहा, संविधान और इसकी भावना को सुलभ करना समय की सबसे महत्वपूर्ण मांगों में से एक है।
‘‘हर दिल में संविधान‘‘, अभियान (एचडीएमएस) में शामिल सभी 119 भागीदार संगठन स्थानीय भाषाओं में सामग्री का उपयोग करते हुए संविधान को समझना आसान कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, असमिया, बोडो, मलयालम और सभी आधिकारिक भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना के अनुवाद का उपयोग किया जा रहा है, ताकि लोग संविधान की सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से इस एक को भौतिक रूप से देख सकें। स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव केवल अभियान के इन चरणों तक ही सीमित नहीं है। इन सभी जिलों में भागीदार संगठन मौजूद होने के कारण वे गणतंत्र दिवस के 75वें वर्ष में लोगों को शामिल करने के लिए लगातार जमीनी स्तर पर कार्य करेंगे।
‘‘हर दिल में संविधान‘‘ के विषय में – 1950 में हमारे प्रथम गणतंत्र दिवस के बाद से, भारत का संविधान समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व के मूल्यों पर हमारे राष्ट्र के निर्माण का मार्गदर्शक रहा है। इसने ऐसी आधारशिला के रूप में कार्य किया है जिस पर भारत के लोगों ने अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने, चुनौतियों पर काबू पाने और अपने जीवन तथा समुदायों को बेहतर करने का प्रयास किया गया है। सिविल सोसाइटी संगठनों, जन आंदोलनों और नागरिक नेटवर्क ने लोगों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए कठोर श्रम किया है। पिछले 7 दशकों में इन प्रयासों ने हमारे संविधान के वादों को साकार करने की दिशा में योगदान दिया है।
हालांकि, बड़ी संख्या में लोग उन मूल्यों, अधिकारों और उत्तरदायित्वों के बारे में पूरी तरह से जागरूक और सचेत नहीं हैं जो इस शक्तिशाली दस्तावेज का आधार हैं। आज दैनिक जीवन में संविधान के महत्व को पोषित करने के लिए व्यापक राष्ट्रव्यापी प्रयास की आवश्यकता है। और भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ की तैयारी इस मूलभूत दस्तावेज को लोकप्रिय बनाने का एक ऐतिहासिक अवसर प्रदान करती है। यह आवश्यकता और अवसर ही हर दिल में संविधान की प्रेरक शक्तियां हैं।
119 संगठनों और जागरूक नागरिकों का साझा अभियानः-हर दिल में संविधान एक सिविल सोसाइटी अभियान है जो देश भर के 119 संगठनों और व्यक्तियों के विविध समूहों के सामूहिक सपनों पर आधारित है और यह हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज के लिए एक उपयुक्त पुष्पांजलि है। यह अभियान बॉस्को इंस्टीट्यूट, ब्लू रिबन मूवमेंट, सिविकएक्ट फाउंडेशन, कम्युनिटी- द यूथ कलेक्टिव, कोरो इंडिया, महिला राजसत्ता आंदोलन, मिशन समृद्धिय प्रदान, तीसरी सरकार अभियान, वी, द पीपल अभियान, अभिषेक ठाकोर, बलराम, आर एन स्याग, सुरेश सावंत, सुभाष वारे आदि द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान को हमारे 75 वें गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024 तक देश के सभी 763 जिलों में जारी रखने का इरादा रखते हैं। अभियान के आगे बढ़ने पर इसमें और अधिक संगठनों एवं लोगों के शामिल होने की आशा है।
तीन चरणों में होगा पूराः– हर दिल में संविधान अभियान तीन चरणों में सम्पन्न होगा। पहला चरण 15 जनवरी से 26 जनवरी, 2023 तक है, दूसरा चरण 15 नवंबर से 26 नवम्बर, 2023 तक और तीसरा चरण 15 जनवरी से 26 जनवरी, 2024 तक।
अभियान में भाग लेने के इच्छुक संगठन info.hardilmeinsamvidhan@gmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
तोंडोंसना राजकुमारी | +91 9811595911 | sana.rk@gmail.com
नम्रता भल्ला | +91 9873169803 | bhalla.namrata@gmail.com