8.3 C
New York
Thursday, March 28, 2024
Homeविविधमनोरंजनइस अप्रैल फूल डे पर, टीवी कलाकारों ने बताया अपने सबसे मजेदार...

इस अप्रैल फूल डे पर, टीवी कलाकारों ने बताया अपने सबसे मजेदार प्रैंक्स के बारे में

टीम भारत अपडेट। हर साल 1 अप्रैल को अप्रैल फूल्स डे या मूर्ख दिवस मनाया जाता है, जोकि प्रैंक्स करने के लिए मशहूर है। यह आपके रूटीन शेड्यूल को मजेदार बना देता है। मौज-मस्ती के इस मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों-आयुध भानुशाली (‘दूसरी माँ‘ के कृष्णा), गजल सूद (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कैट सिंह) और रोहिताश्व गौड़ (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी) ने अपने सह-कलाकारों के साथ किये गए मजेदार प्रैंक्स से जुड़ी यादों को ताजा किया।

कृष्णा का किरदार निभा रहे आयुध भानुशाली ने कहा, ‘‘सेट पर मुझे लोग प्रैंक्स्टर कहकर बुलाते हैं। मैं अपने सह-कलाकारों पर प्रैंक्स करने और लोगों को हंसाने का कोई भी मौका नहीं गंवाता। मेरी मां अक्सर मेरी शरारतों से दुःखी हो जाती है, लेकिन अप्रैल फूल्स डे तो अपवाद होना चाहिए ना (हंसते हैं)। मैं नेहा दीदी (नेहा जोशी) के बेहद करीब हूं, जोकि शो में मेरी मां का किरदार निभा रही हैं। मेरे प्रैंक्स से वो चिड़चिड़ा जाती हैं। हाल ही में, हम एक गंभीर सीन की शूटिंग कर रहे थे, जैसे ही उन्होंने हमें सीन के बुलाया, मैंने उनकी साड़ी पर स्याही छिड़क दी। उस समय उनके चेहरे के जो भाव थे, वह मैं कभी भूल नहीं सकता। वह इतना घबरा गई थीं कि उन्होंने हमारे असिस्टेंट डायरेक्टर को बुलाया और उनसे साड़ी बदलवाने का अनुरोध किया, क्योंकि उन्होंने हल्के रंग की साड़ी पहन रखी थी। लेकिन साड़ी की स्याही जल्दी ही उड़ गई। मैं हंस-हंस कर लोट-पोट हो रहा था। वह एक जेल इंक था, जो पूरी तरह से गायब हो गया था। मैं इस साल अप्रैल फूल्स डे पर उनके साथ प्रैंक करने की सोच रहा हूं, लेकिन मैं यहां पर उसके बारे में नहीं बता सकता, क्योंकि मैंने यदि पहले से ही बता दिया कि मैं क्या करने वाला हूं, तो फिर वह मजा नहीं आ पाएगा।‘‘

गज़ल सूद, जोकि कैट सिंह का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, ‘‘हमारे सेट पर योगेश जी (दरोगा हप्पू सिंह) एक प्रैंकस्टर हैं। वह अपने मजेदार प्रैंक्स से हमेशा हमें हंसाते रहते हैं। लेकिन एक दिन, मैंने उन पर ही प्रैंक करने का फैसला किया और वह हमारे प्रैंक में फंस भी गये (हंसती हैं)। एक सीन की शूटिंग के दौरान मैंने उनसे कहा कि, ‘आपकी मूंछें थोड़ी टेढ़ी लग रही हैं।‘ इतना सुनते ही उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट को मूछों को ठीक करने के लिए बुला लिया। थोड़ी देर बाद मैंने उनसे फिर कहा, ‘आपकी मूछें अभी भी थोड़ी टेढ़ी लग रही हैं।‘ इसके बाद उन्होंने आईना मंगवाया और मेकअप आर्टिस्ट को फिर से मूंछें ठीक करने के लिए कहा। वह इतने सचेत हो गए कि थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझसे पूछना शुरू कर दिया कि अब तो मूंछें ठीक हैं ना। वह हमारे डायरेक्टर के पास भी चले गए और उनसे पूछने लगे कि कैमरे पर मेरी मूंछें ठीक लग रही हैं ना, जिस पर उन्होंने कहा कि, ‘ठीक लग रही है, पर आप फिर से फिक्स करना चाहो तो कर सकते हो।‘ वह बार-बार अपनी मूंछों को ठीक कर रहे थे। उन्हें ऐसे देखकर हमें बहुत हंसी आ रही थी। पैक-अप के दौरान, मैंने आखिरकार उन्होंने बताया कि उनकी मूंछें बिल्कुल सही थी और मैं उनके साथ प्रैंक कर रही थी। यह सुनकर वह चिड़चिड़ा गये, लेकिन उसके बाद तुरंत हंस भी पड़े।‘‘
रोहिताश्व गौड़ जोकि मनमोहन तिवारी की भूमिका निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘अप्रैल फूल्‘स डे मेरे लिये एक सेलीब्रेशन की तरह है। मैं अपने प्रियजनों के साथ मौज-मस्ती करने को कोई भी मौका हाथ से नहीं गंवाता हूं। हमारे शो की एक कहानी के लिए, मुझे शुभांगी अत्रे अभिनीत अंगूरी भाबी का किरदार निभाना था। मुझे उनकी तरह साड़ी पहननी थी, मेकअप करना था और हेयरस्टाइल बनाने थे, जोकि सबसे ज्यादा जरूरी थे। उस दिन हरकोई मेरे आउटफिट को लेकर हंस रहा था। मैंने उनके साथ मस्ती करने का फैसला किया। वे जब भी शुभांगी को सीन के लिए बुलाते थे, मैं कैमरे के सामने जाकर खड़ा हो जाता था। उन्हें शुरूआत में लगा कि मैं गलती से ऐसा कर रहा हूं, लेकिन मैंने बार-बार ऐसा किया और इससे वे चिढ़ गए। यह प्रैंक मैंने और शुभांगी जी ने मिलकर किया था। इतना ही नहीं, जब वे तिवारी जी के मेरे किरदार के लिए मुझे बुलाते थे, तो मैं कोई ध्यान ही नहीं देता था। मैं सिर्फ तभी फ्रेम में जाता था, जब वे बोलते थे कि ‘अंगूरी, फ्रेम में आओ।‘ मैंने अपने डायरेक्टर और उनके असिस्टेंट्स तथा अपने साथी कलाकारों को भी इतना कंफ्यूज कर दिया था, कि उन्हें मुझे रुकने के लिए बोलना पड़ता था। उस दिन से लेकर आज तक सभी लोग उस प्रैंक एवं मस्ती को याद करते हैं (हंसते हैं।)‘‘
Bharat Update
Bharat Update
भारत अपडेट डॉट कॉम एक हिंदी स्वतंत्र पोर्टल है, जिसे शुरू करने के पीछे हमारा यही मक़सद है कि हम प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी परोस सकें। हम कोई बड़े मीडिया घराने नहीं हैं बल्कि हम तो सीमित संसाधनों के साथ पत्रकारिता करने वाले हैं। कौन नहीं जानता कि सत्य और मौलिकता संसाधनों की मोहताज नहीं होती। हमारी भी यही ताक़त है। हमारे पास ग्राउंड रिपोर्ट्स हैं, हमारे पास सत्य है, हमारे पास वो पत्रकारिता है, जो इसे ओरों से विशिष्ट बनाने का माद्दा रखती है।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments