10.2 C
New York
Saturday, April 20, 2024
Homeविविधमनोरंजन'गंगूबाई काठियावाड़ी' की अपार सफलता के बाद, कृति महेश ने एक बार...

‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की अपार सफलता के बाद, कृति महेश ने एक बार फिर खुद को भारत की बेहतरीन कोरियोग्राफर साबित कर दिया

टीम भारत अपडेट। कोरियोग्राफी और संगीत किसी फिल्म विशेष के महत्वपूर्ण अंश होते हैं, जिससे भारतीय दर्शक अपनी भावनाओं को काफी हद तक जुड़ा हुआ पाते हैं। फिल्म के संगीत में जान डालने में एक कोरियोग्राफर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। ऐसी ही एक मशहूर कोरियोग्राफर, कृति महेश अपने एक के बाद एक ट्रेंडिंग हिट्स के साथ, भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में तूफान ला रही हैं।

भारतीय दर्शकों को ‘ढोलीड़ा’, ‘घूमर’, ‘बूम पड़ी’ जैसे ब्लॉकबस्टर हिट्स पर थिरकने पर मजबूर कर देने के बाद, जानी-मानी कोरियोग्राफर ने इस सूची में तीन और वायरल गाने जोड़ दिए हैं। इन गानों में बहुप्रतीक्षित मराठी फिल्म महाराष्ट्र शाहिर से ‘बहरला हा मधुमास’ और अमेज़न प्राइम के प्रशंसित शो ‘जुबली’ से ‘दरियाचा राजा’ और ‘वो तेरे मेरे इश्क का’ शामिल हैं। फैंस तीनों गानों के हुक स्टेप्स पर भारी संख्या में रील्स बना रहे हैं। कहने का अर्थ यह है कि कृति ने अपने सेंसेशनल स्टेप्स पर बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया है।
दर्शकों और फैंस से मिल रही प्रतिक्रिया पर आभार व्यक्त करते हुए कृति ने कहा, “मैं ‘बहरला हा मधुमास’, ‘दरियाचा राजा’ तथा ‘वो तेरे मेरे इश्क का’ को मिल रही प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ। लोगों को अपने पैरों पर थिरकते और डांस की खूबसूरती का आनंद लेते देखना वास्तव में दिल को छू लेने वाली भावना है। मैं कुछ हद तक लोगों के जीवन में खुशियाँ फैलाने में सक्षम हूँ, इसके लिए मैं ईश्वर की आभारी हूँ।”
‘बहरला है मधुमास’ के हुक स्टेप पर अब तक 111,000 से अधिक रील्स बनाए जा चुके हैं। वहीं ‘जुबली’ का ‘वो तेरे मेरे इश्क का’ और ‘दरियाचा राजा’ भी लोगों का दिल जीतना बरकरार रखे हुए है। वहीं काम की बात की जाए, तो कृति फिलहाल कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं, जिनके टाइटल अभी तय नहीं हुए हैं।
Bharat Update
Bharat Update
भारत अपडेट डॉट कॉम एक हिंदी स्वतंत्र पोर्टल है, जिसे शुरू करने के पीछे हमारा यही मक़सद है कि हम प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी परोस सकें। हम कोई बड़े मीडिया घराने नहीं हैं बल्कि हम तो सीमित संसाधनों के साथ पत्रकारिता करने वाले हैं। कौन नहीं जानता कि सत्य और मौलिकता संसाधनों की मोहताज नहीं होती। हमारी भी यही ताक़त है। हमारे पास ग्राउंड रिपोर्ट्स हैं, हमारे पास सत्य है, हमारे पास वो पत्रकारिता है, जो इसे ओरों से विशिष्ट बनाने का माद्दा रखती है।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments