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Saturday, April 27, 2024
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ग्रामीणों द्वारा महिला शिक्षक को धमकाने की शिक्षक संघ द्वारा निंदा

टीम भारत अपडेट। बारां जिले के लकड़ाई गांव के राजकीय विद्यालय में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कुछ ग्रामीणों द्वारा महिला शिक्षक हेमलता वर्मा को धमकाने और प्रताड़ित करने की राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने कड़ी निंदा की है। इससे पूर्व भी एक अन्य विद्यालय में महिला शिक्षक के साथ विद्यालय परिसर में बाहर से आए एक व्यक्ति ने बुरी तरह से मारपीट की थी। ऐसी घटनाएं किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकती।

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग तथा महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने स्पष्ट किया है कि गणतंत्र दिवस कोई धार्मिक आयोजन नहीं है और कोई भी राजकीय संस्थान किसी भी धर्म के प्रतीकों, क्रियाकलापों और कर्मकांडों की पालना करने/प्रदर्शित करने/प्रचार-प्रसार करने का स्थान नहीं है। विद्यालय कोई धार्मिक स्थान या पूजा/इबादत करने का स्थान भी नहीं है। यह सार्वजनिक स्थल है जहां सभी धर्मों को मानने वाले, सभी तरह की मान्यताएं रखने वाले नागरिकों के बालक शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। गणतंत्र दिवस का आयोजन विद्यालयों में इसलिए किया जाता है ताकि इस अवसर पर हम बड़ी कुर्बानी और लंबे स्वाधीनता संघर्ष के बाद मिली आजादी और हमारे गणराज्य में मिले संविधान प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों को याद कर सकें और हमारे राष्ट्र को और आगे बढ़ाने, विकसित करने, गौरान्वित करने में प्रत्येक नागरिक का अधिकतम सहयोग हो सके।

हमारा देश लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष राज्य है, हमारा संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है परंतु किसी पर भी धार्मिक कर्मकांड थोपने का निषेध करता है।

राजस्थान शिक्षक (शेखावत) की यह पक्की मान्यता है कि शिक्षा का उद्देश्य संविधान की मूल भावना के अनुरूप नागरिकों को विवेकवान बनाना तथा अंधविश्वासों, पाखंड व सामाजिक बुराइयों से उबारना और वैज्ञानिक चेतना विकसित करना है। बालक में सर्वांगीण विकास करते हुए उसे एक ज्ञानवान सुनागरिक बनाना है। विद्यालय पर बालकों में धर्मनिरपेक्षता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक मूल्यों का विकास करने की महत्वमूर्ण जिम्मेदारी है। हमारे देश में अलग-अलग धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं हैं। हममें से प्रत्येक का कर्तव्य है कि ना तो किसी की भावना को अनावश्यक ठेस पहुंचाई जाए और ना ही किसी पर जबरन कोई मान्यता थोपी जाए। किसी भी धार्मिक मान्यता व पद्धति को मानना तथा पालन करना प्रत्येक नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है जिसकी रक्षा होनी चाहिए। परंतु सरकारी संस्थानों और विद्यालयों में किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजनों व क्रियाकलापों से बचना चाहिए।

यह है मामला– गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को बारां जिले के नाहरगढ़ थानांतर्गत लकड़ाई गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में समारोह आयोजित किया गया था। इस दौरान मंच पर डॉ. भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ सरस्वती की तस्वीर लगाने तथा सरस्वती की पूजा करने की बात को लेकर पहले स्टाफ में फिर ग्रामीणों व महिला शिक्षक हेमलता बैरवा के बीच विवाद हुआ था। विवाद के दौरान ग्रामीणों व महिला शिक्षक के बीच बहस का एक वीडियो भी सामने आया था।

 

बाबूलाल नागा
बाबूलाल नागाhttps://bharatupdate.com
हम आपको वो देंगे, जो आपको आज के दौर में कोई नहीं देगा और वो है- सच्ची पत्रकारिता। आपका -बाबूलाल नागा एडिटर, भारत अपडेट
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