भारत अपडेट न्यूज, जयपुर। राजस्थान के कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत मेवाड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विमुक्त, घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू जनजातियों के लिए बनी बालकृष्ण रेनके आयोग एवं दादा इदाते आयोग की रिपोर्ट लागू करने एवं सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण एवं लॉकडाउन में आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के संबंध में पत्र लिखा है।
पत्र में केसावत ने प्रधानमंत्री से कहा है कि राष्ट्र की मूल स्वतंत्रता सैनानी देशभक्त विमुक्त, घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू जनजातियों के लिए यूपीए सरकार एवं एनडीए सरकार द्वारा आयोग गठित किये गए। आयोग ने भारतवर्ष में भ्रमण कर देश की 840 डीएनटी जातियों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनैतिक दृष्टि से अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार की थी लेकिन आज तक संसद में यह रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई। देश में 16 करोड़ से अधिक आबादी हैं जिसे सामाजिक न्याय अभी तक नहीं मिला है। यूपीए सरकार स्पष्ट बहुमत नहीं होने के कारण संसद में यह रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई लेकिन देश में आज एनडीए की सरकार है। सरकार के पास प्रचंड बहुमत भी है। ऐसे में केंद्र सरकार को संसद में डीएनटी की रिपोर्ट पेश करनी चाहिए।
केसावत ने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार को सरकारी नौकरी में अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण की गाइडलाइन तय करनी चाहिए। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए देश की विमुक्त, घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू जनजातियों एवं राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के लोक कलाकारों को लॉकडाउन मासिक भत्ता 10 हजार नकद राशि के आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
केसावत का प्रधानमंत्री को पत्र घुमंतू जनजातियों की सुध लें केंद्र सरकार
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